केजरीवाल ने कहा, गैर-कांग्रेसी पार्टियों की ओर से जो संशोधन पेश किए गए थे, उनमें सब फिजूल नहीं थे।
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ऐसे में कल जब राज्यसभा में पौने दो सौ से अधिक संशोधन पेश किए गए, और सरकार से यह उम्मीद की गई कि उन सब पर विचार करके, जिनको मानना है मानकर, जिनको न मानना है न मानकर रात के पहले मतदान करवा ले क्योंकि कल सत्र का आखिरी दिन था, तो यह उम्मीद हमारी साधारण संसदीय समझ से कुछ बाहर है।